ओम नमो नारायण
सूरजकुंड कुंभलगढ़ राजस्थानजहां श्री अवधेशानंद जी महाराज विराजते हैं
आसपास के लोगों का कहना है कि सूरजकड के महाराज जोकि अवधेशानंद जी है वह मुख्यतः पंजाब से आए हुए हैं उनको इस जगह को ढूंढने में करीबन 15 से 17 वर्ष लगे थे । अवधेशानंद जी महाराज वहां अपने आने वाले भक्तों का काफी ख्याल रखते हैं । इनके पैदल चलने की गति आम लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा है ।
यह जगह बहुत ही शांत और बहुत ही अच्छी और पर्यावरण से हरी भरी है इस जगह में मुख्यतः आपको शांति का अनुभव होगा ।
सूरजकुंड एक बहुत ही शानदार जगह है ! यह एक ऐसी जगह है जो पहाड़ों के रास्ते जाना पड़ता है !
यहां पर जाने के दो रास्ते हैं
एक हम केलवाड़ा के पास से गवार नामक गांव से जा सकते हैं वहां से आपको पैदल चलकर जाना पड़ेगा और इसके लिए आपको रास्ते में सूरजकुंड जाने के निशान मिलेंगे । जो नीचे दिए गए चित्र में है ।
दूसरा रास्ता चारभुजा के थुरावड गाव से होके जाता है ।
यह रास्ता भी पगडंडी के सहारे चलके जाना पड़ता है ।
यहां के सफर की यात्रा बहुत ही शानदार है यहां बीच-बीच में पहाड़ है और एक यात्रा आपको एक साहसिक यात्रा का अनुभव कराएगी ।